बख्शे हम भी न गए

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे, वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

हुई शाम उन का

हुई शाम उन का ख़याल आ गया वही ज़िंदगी का सवाल आ गया…

जब वो मुझको…

जब वो मुझको…मेरा नहीं लगता, कुछ भी अपनी जगह नहीं लगता.!!

कल जहाँ में था

कल जहाँ में था, आज वहाँ कोई और है। वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है।

इक चेहरा पड़ा मिला

इक चेहरा पड़ा मिला मुझे, रास्ते पर, जरूर किरदार बदलते वक्त गिरा होगा

वो बुलंदियाँ भी

वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब, जहाँ इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जाये ।

बख्शे हम भी न गए

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे, वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

ख़ुशीयो का दौर भी

ख़ुशीयो का दौर भी आ जाएगा एक दिन, ग़म भी तो मिल गये थे तमन्ना किये बगैर ……

फूल बन जाऊंगा..

फूल बन जाऊंगा.. शर्त ये है मगर.. अपनी जुल्फों में मुझको सजा लीजिए

सितारे भी जाग रहे हो

सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई ना हो… ऐ चाँद मुझे वहाँ ले चल जहाँ उसके सिवा कोई ना हो |

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