मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है; जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ…
Category: दर्द शायरी
उनकी हया का आलम
उनकी हया का आलम तो देखिये,ख्वाब मे भी चिलमन से झांकते हैं…
लोग हमारे बारे में
लोग हमारे बारे में क्या सोचते है…. ये भी अगर हम सोचेंगे तो लोग क्या सोचेंगे.?.?.
नफरत के जंगल में
नफरत के जंगल में उसको लगे मोहब्बत की तलब, और वो प्यास के सेहरा में मांगे मुझे पानी की तरह…
लबों पे मुस्कुराहट
लबों पे मुस्कुराहट दिल में बेजारी निकलती है, बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है…
टूटी फूटी कश्ती
टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था…. कल रात झांक के शायद मैंने अपने अंदर देखा था….
इश्क के अवशेष
इश्क के अवशेष कहूँ या धरोहर इसे, कुछ सुखे गुलाब निकले हैं किताब से….
जिंदगी अजीब रंग में
अपनी जिंदगी अजीब रंग में गुजरी है.. राज किया दिलों पे और तरसे मोहब्बत को..
मेरी रूह में
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे, तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे, यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई, आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे|
जरूरी नहीं की
जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों, दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो..!!