मेरी गली से गुजरा.. घर तक नहीं आया, , , , अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला… …… ………..
Category: वक़्त शायरी
आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो
आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो , ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने की होती है ..
” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको
” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको,..पर…… जब उनको मेरी ज़रुरत होती हैं तब..!!
मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है
मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है , लेकिन धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता .. ..
आज नहीं तो कल हो जायेगा
आज नहीं तो कल हो जायेगा, मसला दिल का हल हो जायेगा..!! तेरा साथ मिलने की देर है बस, मेरा कमरा भी ताजमहल हो जायेगा..
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
में जो समझता हु
में जो समझता हु और हर कोई नहीं समझता और जो लोग समझते है वो मुझे नहीं समझना.
अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का
अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का , सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का .
तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था
खिड़की से बाहर जो देखा तो आज फिर बादल बरस रहे थे, और मैं अन्दर कतरा-कतरा तुम्हारी यादोँ मे भीग रहा था…!!!
वो शाम जो अब तक उधार है
उसने पूछा कि कौन सा तोहफा है मनपसंद, मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है…