शिकायते तो बहुत है तुझसे ए जिन्दगी; पर जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नही….
Category: व्यंग्य शायरी
हार की परवाह
हार की परवाह करता,तो मै जीतना छोड़ देता…लेकिन “जीत” मेरी ‘जिद’ है,और जिद का मै बादशाह हूँ…!
सपने बेच दिये..
भूख मिटाने की खातिर, हमने सपने बेच दिये…?
डिब्बे में छुपाए थे
माँ ने कुछ पैसे, आटे के डिब्बे में छुपाए थे….. ख्वाब कुछ मेरे ,ऐसे पकाए थे.
बेटा मज़े में है
बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर माँ सबसे कह रही है कि बेटा मज़े में है
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !! जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!
चिन्ता और असफलताएँ
आत्मबल जिनके अन्दर होता है उनके सामने बीमारियाँ ,चिन्ता और असफलताएँ हार जाती है पर आत्मबल प्रभु भक्ति से हीआता है”
एहसास जब जुड़ते है
एहसास जब जुड़ते है तब भी महसूस होते है एहसास जब टूटते है तब रूह को चीर देते है”
जब से खुद से
जब से खुद से समझोता किया है मानों हर पल टूट रहा हूँ मैं..
कोई तो पैमाना
काश कोई तो पैमाना होता मोहब्बत नापने का तो शान से तेरे सामने आते सबुत के साथ