कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं
Category: व्यंग्य शायरी
मैं वो हूँ
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है.. आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है.. आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..