इश्क कर लीजिये

इश्क कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से… एक ये ही अपनी बात पलटा नहीं करतीं…!!!

मुलाकात के रास्ते

मुलाकात के रास्ते खुले हैं …. अगर तुम अपनी जिद्द छोड़ दो…

मैं तो बस

मैं तो बस युही गुनगुना रहा था…..”कभी जो बादल बरसे”… .खुदा ने तो सीरियस्ली ले लिया….!!!!

पैसे मैं भले

पैसे मैं भले ऊपर नहीं लेकर जाऊंगा,मगर जब तक मैं नीचे हूँ,ये मुझे बहुत ऊपर लेकर जाएगा…

कोई हसरत नहीं

जिन्दगी में हसरतों की यूँ तो कोई कमी नहीं, पर ना जाने क्यों तुम्हारे सिवा और कोई हसरत नहीं.

तूने तो कहा था

तूने तो कहा था हर शाम गुजरेगी तेरे साथ, तू बदल गया, या तेरे शहर में शाम नहीं होती…

मैं अकेला हूं

कहने को ही मैं अकेला हूं.. पर हम चार है.. एक मैं.. मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास..”

लोगों से रिश्ता

मुझमें खामियाँ लाख होंगी, मगर एक खूबी भी है, मै लोगों से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखता…

जब तक सत्य

जब तक सत्य घर से बहार निकलता है ll तब तक ज़ुठ आधी दुनिया घुम लेता है ll

जज़बात पर काबू

जज़बात पर काबू , और वो भी मोहब्बत में… तूफान से कहते हो , चुपचाप गुज़र जाये ।

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