चैन से रहने का

चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये.. मुश्किलें जिन्दगी की अब मजा देने लगी हैं!!!

जाने किस किस को

जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर, के आओ सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें….

मुझको हर ख़्वाब की

मुझको हर ख़्वाब की ताबीर स डर लगता है भीगी पलको पे कोई ख़्वाब सजाऊं कैसे|

मुहब्बतों के दिनों की

मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है , यह रूठ जायें तो फिर लौटकर नहीं आते|

मकान बन जाते है

मकान बन जाते है कुछ हफ़्तों में, ये पैसा कुछ ऐसा है.. और घर टूट जाते है चंद पलों में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!

ज़मीं पर आओ

ज़मीं पर आओ फिर देखो हमारी अहमियत क्या है बुलंदी से कभी ज़र्रों का अंदाज़ा नहीं होता|

अब ना कोई शिकवा

अब ना कोई शिकवा,ना गिला,ना कोई मलाल रहा.सितम तेरे भी बेहिसाब रहे, सब्र मेरा भी कमाल रहा!!

याद आने की वज़ह

याद आने की वज़ह बहुत अज़ीब है तुम्हारी …. तुम वो गैर थे जिसे मेने एक पल में अपना माना !!

सुंदरता हो न हो

सुंदरता हो न हो सादगी होनी चाहिये. खुशबू हो न हो महक होनी चाहिये. रिश्ता हो न हो बंदगी होनी चाहिये. मुलाकात हो न हो बात होनी चाहिये. यु तो हर कोई उलझा है अपनी उलझनों मे सुलझन हो न हो सुलझाने कि कोशिश होनी चाहिये।

हर घड़ी ख़ुद से

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ बरसों से हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा मुद्दतें बीत गईं इक ख़्वाब सुहाना… Continue reading हर घड़ी ख़ुद से

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