अपने एहसास से

अपने एहसास से छू कर मुझे चन्दन कर दो में सदियों से अधूरा हूँ , मुझे मुकम्मल कर दो|

मोहब्बत करने का हुनर

चल यारा..मोहब्बत करने का हुनर सिखाता हूँ.. इश्क तुम शुरू करो निभाकर मैं दिखाता हूँ…!!

बेखुदी बे सवब नहीं

बेखुदी बे सवब नहीं गालिब, कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है।।

मुझे भी सिखा दो

मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर.. मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते. .!

छत पर आकर

छत पर आकर वो फिर से मुस्कुरा के चली गईं, दिल पहले से हाईजैक था, मुर्दे दिमाग में भी लालटेन जला के चली गईं।

अब आ गये हैं

अब आ गये हैं आप तो आता नहीं है याद वर्ना कुछ हमको आपसे कहना ज़रूर था….!

सोचा बहुत इस बार

सोचा बहुत इस बार रोशनी नहीं धुआं दूंगा लेकिन चिराग था फितरत से, जलता रहा जलता रहा|

यह दिल जिद पे अड़ा है

यह दिल जिद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह या तो इसे सब कुछ चाईए या कुछ भी नहीं |

चैन से रहने का

चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये.. मुश्किलें जिन्दगी की अब मजा देने लगी हैं!!!

वक़्त भी कितना अजीब होता है

वक़्त भी कितना अजीब होता है यारोँ, किसी का कटता नही और किसी के पास होता नही….

Exit mobile version