हजारों महफिलें है और लाखों मेले हैं, पर जहां तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं|
Category: लव शायरी
तुम्हारी खुशियों के
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे, मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो
जनाजा देखकर मेरा
जनाजा देखकर मेरा वो बेवफा बोल पड़ी, वही मरा है ना जो मुझ पर मरता था..
ग़लतफहमी की गुंजाइश
ग़लतफहमी की गुंजाइश नहीं सच्ची मुहब्बत में जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है..
मौसम जो जरा सा
मौसम जो जरा सा सर्द हुआ, फिर वही पुराना दर्द हुआ…….!!
ऐ काश ज़िन्दगी भी
ऐ काश ज़िन्दगी भी किसी अदालत सी होती,,, सज़ा-ऐ-मौत तो देती पर आख़िरी ख्वाइश पूछकर…
बताओ तो कैसे
बताओ तो कैसे निकलता है जनाज़ा उनका,,, वो लोग जो अन्दर से मर जाते है…
मैं अगर नशे में
मैं अगर नशे में लिखने लगूं,,, खुदा कसम होश आ जाये तुम्हे…
बड़ा गजब किरदार है
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का, अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं…
वो इश्क ही क्या
वो इश्क ही क्या, जो सलामत छोड़ दे…