न जाने उँगली छुड़ाकर निकल गया है किधर, बहुत कहा था ज़माने से साथ साथ चले ।
Category: याद
न रूठना हमसे
न रूठना हमसे हम मर जायेंगे! दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे! प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं! दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे!
तेरा हुस्न बयां करना
तेरा हुस्न बयां करना मकसद नहीँ था मेरा, ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी.
फिर से टूटेगा
फिर से टूटेगा दिल यह बेचारा , फिर से वही बेवफा और मैं हूँ …
आपके कदमों से
आपके कदमों से एक ठोकर क्या लगी, ‘ख़ाक’ भी उड़ के आसमां पे गयी…
फ़लक़ पर जिस दिन
फ़लक़ पर जिस दिन चाँद न हो, आसमाँ पराया लगता है एक दिन जो घर में ‘माँ’ न हो, तो घर पराया लगता है।
तरीका न आये
तरीका न आये पसंद हो जाए न खता हमसे अब तुम ही बता दो वैसे ही करूँगा इश्क तुमसे अब|
यादों के फूल
यादों के फूल खिलते रहते हैं वक्त की शाखों पर कुछ खालीपन रहता है…इन भरी भरी आंखो में…
रिश्ते गिर पडे..
जरा सी जेब क्या फटी… सिक्कोंसे ज्यादा रिश्ते गिर पडे..
थक कर सोये हैं
थक कर सोये हैं जब जब , नींदो की हदबन्दी मे ।हर बार छलक जाता है, आखो से ख्बाब तुम्हारा ।।