मोहब्बत तो पाक थी है और रहेगी शर्मिंदा तो इसे खोखले रिवाज़ों और दोगले लोगों ने कर रखा है
Category: मौसम शायरी
मुझे भी आरक्षण चाहिए
मुझे भी आरक्षण चाहिए इश्क की इस दुनिया में ! पेशा मुहब्बत है और जात से आशिक हूँ..!
दिखावे की मोहब्बत
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर…,, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी !!
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे मगर, हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो….!!
कोई इल्ज़ाम रह गया
कोई इल्ज़ाम रह गया हैं, तो वो भी दे दो हम तो पहले से बुरे थे, अब थोड़े और सही..
अहसास की शिद्दत
नजदीक आ के देख मेरे अहसास की शिद्दत, ये दिल कितना धड़कता है, तेरा नाम आने पर
मोहब्बत का शोर
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर , मेरे दिल को बनाए कितना विभोर , मैं जब भी उसे अपने कानों में दोहराती , तेरी कसम , तेरे नज़दीक और आती , बहुत आशिकाना था वो एक शोर , वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर । वो रातों की तन्हाई का एक नज़ारा , जिसमे दोनों का दिल… Continue reading मोहब्बत का शोर
आज मौसम बहुत
आज मौसम बहुत खुशनुमा है क्या तुमने हवाओं को चूमा है
बारिश के बाद
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना ? क्या होता है अकेलापन ।
ज़रा सम्भाल कर
ज़रा सम्भाल कर रखियेगा इन्हे…रिश्ते हैं, कपड़े नहीं, कि रफ़ू हो जायें…!