तू सचमुच जुड़ा है गर मेरी जिंदगी के साथ, तो कबूल कर मुझको मेरी हर कमी के साथ !!!
Category: बेवफा शायरी
कहाँ मिलता है
कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला… जो भी मिलता है समझा के चला जाता है…
फकीरों की मौज का
फकीरों की मौज का क्या कहना साहब, राज ए मुस्कराहट पूछा तो बोले सब आपकी मेहरबानी है !!
तुम बेशक चले गये
तुम बेशक चले गये हो इश्क का स्कूल छोड़कर, हम आज भी तेरी यादों की क्लास में रोज़ हाजरी देते है|
धरती पर शिद्दत से
आज भी आदत में शामिल है, उसकी गली से होकर घर जाना.
ये बात मुझे आज तक
ये बात मुझे आज तक समझ नहीं आई.. तुमहे मैं “सुकुन” बुलाऊ या “बेचैनी”..
अच्छा हैं आँखों पर
अच्छा हैं आँखों पर पलकों का कफ़न हैं.. वर्ना तो इन आँखों में बहुत कुछ दफन हैं.!
पहले मन पर काम करो
पहले मन पर काम करो और फिर तन पर काम करो इसके बाद जो वक़्त बचे उसमें धन पर काम करो|
मुद्दत से तमन्नाएं
मुद्दत से तमन्नाएं सजी बैठी हैं दिल में इस घर में बड़े लोगों का रिश्ता नही आता |
खो गई है
खो गई है मेरे यार के चेहरे की चमक…..! चाँद निकले तो जरा उसकी तलाशी लेना….