न जाने क्यूँ

न जाने क्यूँ हमें इस दम तुम्हारी याद आती है, जब आँखों में चमकते हैं सितारे शाम से पहले….

अगर दो लोग

अगर दो लोग लड़कर भी एक दुसरे के साथ रहते है…. तो उसका मतलब ये हुआ की दोनों बहोत प्यार करते है|

है अजीब शहर की ज़िन्दगी..

है अजीब शहर की ज़िन्दगी.. न सफर रहा न कयाम है कहीं कारोबार सी दोपहर ,कहीं बदमिजाज सी शाम है|

यूँ न बर्बाद कर

यूँ न बर्बाद कर मुझे अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से, मैं तो इंसान हूँ पत्थर भी टूट जाते है इतना आजमाने से !!

दुआ तो दिल से

दुआ तो दिल से मांगी जाती है जुबाँ से नहीं…. कुबूल तो उसकी भी होती है जिस की जुबाँ नहीं होती..

थोड़ी सी नींद

थोड़ी सी नींद दे जरा… तेरे इश्क़ मैं हुँ कोई क़त्ल ऐ आम नही किया|

चल अब मेरी

चल अब मेरी साँस की जमानत रखा ले तू शायद इस तहर में बन जाऊ तेरे एतबार के काबिल.

हमें तो कब से

हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है ऐ बेखबर तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!

इलाज़ ना ढूंढ

इलाज़ ना ढूंढ इश्क़ का वो होगा ही नहीं… इलाज़ मर्ज़ का होता है इबादत का नहीं|

हार जाउँगा मुकदमा

हार जाउँगा मुकदमा उस अदालत में, ये मुझे यकीन था.. जहाँ वक्त बन बैठा जज और नसीब मेरा वकील था…

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