आँखों की दहलीज़ पे

आँखों की दहलीज़ पे आके सपना बोला आंसू से… घर तो आखिर घर होता है… तुम रह लो या मैं रह लूँ….

जीने की कुछ

जीनेकी कुछ तो वजह होनी चाहिए…..वादे ना सही.. यादे तो होनी चाहिए…….!!

एक ही चौखट पे

एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है भटक जाते है वो लोग जिनके हजारों खुदा होते है।

हो सके तो

हो सके तो दिलों में रहना सीखो, गुरुर में तो हर कोई रहता है…

आईना आज फिर

आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया, दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया|

फ़साना ये मुहब्बत का

फ़साना ये मुहब्बत का है अहसासों पे लिख जाना…. छलकते जाम चाहत के मेरी प्यासों पे लिख जाना…

कुछ तेरी अज़मतो का

कुछ तेरी अज़मतो का डर भी था…कुछ अजीब थे ख़यालात मेरे…

हाल ऐ दिल भी

हाल ऐ दिल भी न कह सके तुझसे…तू रही मुद्दतो करीब मेरे…

सब कहते हैं

सब कहते हैं ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार प्यार करना चाहिए, लेकिन तुमसे तो मुझे बार बार प्यार करने को दिल चाहता है।

तुम्हारे जाने के बाद

तुम्हारे जाने के बाद सुकून से सो नहीं पाया कभी. मेरी करवटों में रेगिस्तान सा खालीपन पसरा रहता है जब तुम पास होते हो तो कोई शिकायत नहीं होती किसी से भी.

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