मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…। ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…
Category: जिंदगी शायरी
मोहब्बत रूह में
मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब, ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !
खूब अदा है
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है.. तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है..!