इंसान हूँ, तहरीर नहीं हूँ मैं । पत्थर पे लिखी लकीर नहीं हूँ मैं ।। मेरे भीतर इक रूह भी बसती है लोगों सिर्फ़ एक अदद शरीर नहीं हूँ मैं ।
Category: जिंदगी शायरी
Ruk gayi aaj
Ruk gayi aaj ye kahkar kalam meri, ehsaas kimti hai, zara kam kharch karo..
मजबूर बना देता है
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है! छोटे से जख्म को नासूर बना देता है! कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!
मेरी हर धड़कन
तुम क्या जानो कहाँ हो तुम मेरे दिल में मेरी हर धड़कन में हर निगाह जो दूर तलाक जाती है हर आशा जो पूरा होना चाहती है तुम क्या जानो क्या हो तुम मेरे लिए मेरी हर पल की आस मेरा विश्वास ज़िन्दगी की बैचेन घड़ियों में जिन्दा रहने को पुकारती हुई तुम मेरे करीब….हर… Continue reading मेरी हर धड़कन
जरा सा हिस्सा
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो। सदियो तक शायरी करोगे जनाब।
कोई अच्छा लगा
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया…. कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया………..
बेवफा कहने से पहले
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना.. कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़देना
Hal to puch luu
Hal to puch luu tera par darta hu aawaz se teri.. Jab jab suni he kambakt mahoobat hi hui he..
bhulaya nahi jaata
Hamse bhulaya nahi jaata ek uska pyaar, log jigar vale hai, jo roj naya mahbub bana lete hai..
Usne chupke se
Usne chupke se meri aankho par hath rakhkar pucha batao kaun, mai muskarakar dhire se bola “Meri zindagi”..