लोग होठों पे सजाये हुए फिरते हैं मुझे मेरी शोहरत किसी अखबार की मोहताज नहीं
Category: गुस्ताखियां शायरी
खुदा की मोहब्बत
खुदा की मोहब्बत को फना कौन करेगा? सभी बन्दे नेक हो तो गुनाह कौन करेगा?
ये सरहदे कब हटेगी
ये रिवाजी पाबंदिया… ये सरहदे कब हटेगी… इंतज़ार है मुझे एक नई खुशनुमा सुबह का…
भरोसा करते है
हम जिन पर आँखे बन्द करके भरोसा करते है, अक्सर वही लोग हमारी आँखे खोल जाते है
अब कैसे हिसाब हो
उसकी मौहब्बत के कर्ज का, अब कैसे हिसाब हो…. वो गले लगाकर कहती है, आप बड़े खराब हो….
भारत
तूने कहा,सुना हमने अब मन टटोलकर सुन ले तू, सुन ओ आमीर खान,अब कान खोलकर सुन ले तू,” तुमको शायद इस हरकत पे शरम नहीं आने की, तुमने हिम्मत कैसे की जोखिम में हमें बताने की शस्य श्यामला इस धरती के जैसा जग में और नहीं भारत माता की गोदी से प्यारा कोई ठौर नहीं… Continue reading भारत
अकड़ती जा रही हैं
अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें, आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का .
हर रोज़ चली आती
बिन थके बेधड़क हर रोज़ चली आती हैं..!! ख्वाहिशें इतवार को भी..आराम नहीं करतीं..!!
क्यों भरोसा करते हो
क्यों भरोसा करते हो गैरों पर… जब तुम्हें चलना है खुद के पैरों पर…
हथियार तो सिर्फ
हथियार तो सिर्फ शोक के लिए रखा करते हैं , खौफ के लिए तो बस हमारा नाम ही काफी है..