मेरी उम्र का अंदाज़

मेरी उम्र का अंदाज़ मेरे तज़ुर्बे से लगाना, मैंने सावन कम देखे होंगे पर बारिशें खूब देखी है।

एक तमन्ना तेरे संग

एक तमन्ना तेरे संग गुज़र जाए .. ये उम्र जो बाक़ी है …

मेरे शहर मैं

मेरे शहर मैं खुदाओं की कमी नहीं है,दिक्कतें तो मुझे आज भी इंसान ढूंढने में होती है…

लोग कहते है

लोग कहते है की सच्चे प्यार की हंमेशा जीत होती है,परंतु होती कब है ये भी बता देते !!

ज़िंदगी में आईना..

ज़िंदगी में आईना..जब भी उठाया करो… पहले खुद देखो फिर दिखाया करो..

रिश्ते और नाते..

रिश्ते और नाते.. मतलब की पटरी पर चलने वाली वो रेलगाड़ी है, जिसमे..जिस जिस का स्टेशन आता वो उतर जाता है !

निकाल दिया उसने

निकाल दिया उसने हमें, अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह, ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!

हमको मोहलत नहीं मिली

हमको मोहलत नहीं मिली वरना,ज़हर का ज़ायक़ा बताते हम…

जुल्फें खोली हैं

जुल्फें खोली हैं उन्होंने आज और…. सारा शहर बादलों को दुआ दे रहा है…

मेरे इक अश्क़ की

मेरे इक अश्क़ की तलब थी उसको मैंने बारिश को आँखों में बसा लिया |

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