तेरी एक झलक पाने को

तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा….! खुश किस्मत हैं वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है..!!

कभी कभी मीलों दूर

कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।

मुझे मालूम है

मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की रवायत.. गले मिलकर गला काटूँ मैं वो मांझा नहीं..

धीमी-धीमी नस चलें

धीमी-धीमी नस चलें, रुक-रुक करके श्वास। जीने की अब ना रही, थोड़ी सी भी आस।।

इक तमन्ना के लिए

इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!

बेजुबान पत्थर पे

बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..! उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!

यूँ तो जिंदगी तेरे

यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!

दौड़ती भागती दुनिया

दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है, खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है..!!

यही हुनर है

यही हुनर है उस स्याही का जो हर किसी की कलम में होती नहीं..

एक ही समानता है

एक ही समानता है पतंग औऱ जिंदगी में.. ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती है.

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