इंसान बनने की फुर्सत

इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…

हुस्न भी तेरा

हुस्न भी तेरा, अदाएं भी तेरी, नखरे भी तेरे, शोखियाँ भी तेरी, कम से कम इश्क़ तो मेरा रहने दे…

एक तमन्ना तेरे संग

एक तमन्ना तेरे संग गुज़र जाए .. ये उम्र जो बाक़ी है …

ज़िंदगी में आईना..

ज़िंदगी में आईना..जब भी उठाया करो… पहले खुद देखो फिर दिखाया करो..

सहम उठते हैं

सहम उठते हैं कच्चे मकान, पानी के खौफ़ से, महलों की आरज़ू ये है की, बरसात तेज हो…

सीधी और साफ हो…

परवाह नहीं चाहे जमाना कितना भी खिलाफ हो, चलूँगा उसी राह पर जो सीधी और साफ हो…!

बैठ कर किनारे पर

बैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख !!

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन, कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!

तू सचमुच जुड़ा है

तू सचमुच जुड़ा है गर मेरी जिंदगी के साथ, तो कबूल कर मुझको मेरी हर कमी के साथ !!!

कहाँ मिलता है

कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला… जो भी मिलता है समझा के चला जाता है…

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