आ के अब यूँ सहा नहीं जाता दूर तुझ से रहा नहीं जाता दरगुज़र िकतना भी करलूँ मुझसे अब चुप रहा नहीं जाता नेक बख़ती की बात सुनता हूँ तो भी अच्छा हुआ नहीं जाता दिल में ऐसी उमंग उठती है चाहूँ भी बारहा, नहीं जाता क्यों पसो पेश में पड़ा है तू यार सोचा… Continue reading आ के अब
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हम को वहम है
उड़ रही है पल – पल ज़िन्दगी रेत सी..!और हम को वहम है कि हम बडे हो रहे हे..!!
अफवाह उड़ाई थी
मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी, दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था…!!!
खामोशी अलामत है
मेरी खामोशी अलामत है मेरे इखलाख की इसे बेजूबानी ना समझो
शामिल नहीं हैं
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब, नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे….!!!!
मुश्किलें तमाम है
जिन्दगी में मुश्किलें तमाम है, फिर भी इन होठों पे मुस्कान है, जीना जब हर हाल में है तो, फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है !!
खास हूनर रखते है
वो भी अपने होठो पे इक खास हूनर रखते है, दिल तोड के कह देते है कि आखिर हुआ क्या है…!!