मयखाने से पूछा आज,इतना सन्नाटा क्यों है, . मयखाना भी मुस्कुरा के बोला, लहू का दौर है, साहेब अब शराब कौन पीता है…..!!……..
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कह दो अंधेरों
कह दो अंधेरों से कही और घर बना लें, मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है.
झूठी शान के परिंदे
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फडडाते हैं, बाज की उड़ान में कभी आवाज नहीं होती है !!
ख्वाइश बस इतनी
ख्वाइश बस इतनी सी है कि तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो आरज़ू ये नहीं कि लोग वाह – वाह करें…!!
शीशे में डूब
शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को…
किस्मतवालों को ही
किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के दिल मे…. यूँ ही हर शख्स तो जन्नत का हक़दार नहीं होता….
आग लगी थी
आग लगी थी मेरे घर को, किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..! क्या बचा है ? मैने कहा मैं बच गया हूँ..! उसने हँस कर कहा फिर साले जला ही क्या है..
जिसे शिद्दत से
जिसे शिद्दत से चाहो, वो मुद्दत से मिलता है ..। बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला
तेरी हसरत मुझे
तेरी हसरत,मुझे आज फिर छत पर ले आई है.. मांग लूंगा तुझे, किसी टूटते हुए सितारे से..
As U Wish
ए खुदा माना हर इन्सान कि ज़िन्दगी कि किताब आपने लिखी है। पर कुछ पन्नो पर तो ये लिख देते “As U Wish”