किसी उदास मौसम में, मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे अपना, और हसती हुई कह दे, पहचान लो तो हम तुम्हारे ना पहचानो तो तुम हुमारे..
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न खाइये जनाब
खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है….!!
मांग लूंगा तुझे
मैं वहाँ जाकर भी मांग लूंगा तुझे,,, कोई बताये तो फैसले कुदरत के कहाँ होते है..
खुदगर्ज़ बन जा
सुकून से जीने का तरीका, ये भी है लोगों की परवाह छोड़ खुदगर्ज़ बन जा..
Ek Mohbbat Bepanaah
Ek mehboob beparwaah , ek mohbbat bepanaah….. Dono kaafi hain sukoon barbaad karne ko…….
दिल चाहता है
दिल चाहता है धोख़े से ज़हर दे दूँ , आज सब ख़्वाहिशों की दावत कर के”..!!
आपको पहचानना पड़ेगा.
“प्रशंसक” आपको बेशक पहचानते होंगे मगर “शुभचिन्तकों” को आपको पहचानना पड़ेगा.
तसल्लियां तो देते हैं
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी। लोग तसल्लियां तो देते हैं, पर साथ नहीं।।
मेरी दुल्हन बनकर
जिस दिन तूम आओगी मेरे घर मेरी दुल्हन बनकर उस दिन को मै मनाऊ गा नए साल की तरह
तुम्हारे चेहरे को
कैद कर के तुम्हारे चेहरे को, मेरी आँखों ने खुदकुशी कर ली