परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में, हमने जिंदगी गुजारी है किराये के मकानों में
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तू मोहब्बत से
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे…!!!
सबकुछ निभा गया
वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया, ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..
दिल अच्छे होते हैं
जिनके दिल अच्छे होते हैं दिमाग वाले उनका अच्छा फायदा उठाते हैं…
एक तो वैसे ही …..
एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.
लोगों ने कहा
लोगों ने कहा वक़्त के साथ लोग बादल जाते है .. फिर क्या था … मैंने कभी उन्हें लोगों में गिना ही नहीं …
शायरों की बस्ती में
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना । गमों की महफिल भी कितने खुशी से जमती है ।।
ना जाने कौन सा
ना जाने कौन सा अमृत पी के पैदा हुई है…. ये मोहब्बत, मर गए कितने हीर और रांझे मगर आज तक जिन्दा है….. ये मोहब्बत .
एक सवाल पूछती है
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर… मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…
लहजे में बदजुबानी
लहजे में बदजुबानी, चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं… जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हैं वो मेरा हिसाब लिए फिरते हैं !!