जिदंगी मिली तो थी

जिदंगी मिली तो थी दो दिन की मुझे, ये दो दिन भी बीत गए तुमको मनाने में…!!

लोग पूछते हैं

लोग पूछते हैं , मैं क्या करता हूँ.., उन्हें क्या बताऊँ..मोहब्बत की थी, अब रोज़ मरता हूँ….!!!!

रोते रहे तुम भी

रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी; कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी; ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी; बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी।

इंतज़ार रहता है

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा, मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में, कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा….

जख्म तो हम भी

जख्म तो हम भी अपने दिल में बहुत गहरे रखते हैं मगर हम जख्मों पे मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं..!!

गैरो के किये हुए वार

गैरो के किये हुए वार जख्म कहाँ देते है ., वो अपने है जो रूह तक हिला देते है …!

बातें हज़ारों से

बातें हज़ारों से महफ़िल में होती है , इशारे बस दिलबर को किये जाते हैं|

मन्नत के धागे

मन्नत के धागे की तरह मिले हो ……. तुम मुझको रब करे ये गाँठ ……. ज़िन्दगी भर ना खुल पाये |

आज यह कैसी उदासी

आज यह कैसी उदासी छाई है, तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है, टूट के रोया है फिर मेरा दिल, जाने आज किसकी याद आई है।

कोई सिसक उठता होगा

कोई सिसक उठता होगा, किसी की आँख भर आती होगी.. इतना तो यकीन है मेरी शायरी दिल चीर के निकल जाती होगी…

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