बिलकुल बेकार नहीं हूँ

बिलकुल बेकार नहीं हूँ मैं, नाकामियों की मिसाल के काम आता हूँ मैं|

जो क़िस्सा था

जो क़िस्सा था ख़ुद से छुपाया हुआ… वो था शहर भर को सुनाया हुआ…

ज़बाँ तक जो न आए

ज़बाँ तक जो न आए वो मोहब्बत और होती है… फ़साना और होता है हक़ीक़त और होती है…

जो भी करता हूँ

जो भी करता हूँ साहब बेहिसाब करता हूँ….. यहीं अंदाज़ है मेरा यहीं कमज़ोरी भी…..!!

लुटा के हर चीज़

लुटा के हर चीज़ मंजिल ऐ इश्क़ की राह में !! हंस पड़ा हूँ मैं आज खुद को बर्बाद देख के !!

मैं सर के बल

मैं सर के बल गिरा था गुनाहों के बोझ से दुनिया समझ रही थी के सजदे मैं पडा है मैं जब गया सजदे मैं तो लोगों ने ये कहा ज़ालिम ने बहुत पी ली जो मदहोश पडा है…

बस ये मत पूछिएगा

मुझे आप चाहिये… बस ये मत पूछिएगा कि क्यूँ ..!!

पता नही होश में

पता नही होश में हूँ या बेहोश हूँ मैं पर बहुत सोच समझकर खामोश हूँ मैं…

अक्सर सोचा करते थे

अक्सर सोचा करते थे कि हम भूल चुके हैं उनको , फिर आज ये किस बात पे मुझको यूँ रोना आया !

अनजाने में यूँ ही

अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे, इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे, उनसे क्या गिला करें.. भूल तो हमारी थी जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।

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