कोई शिकायत नहीं

हमें उनसे कोई शिकायत नहीं; शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं! मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया; पूछा तो कहा, “ये मेरी लिखावट नहीं”!

इतना तो किसी

इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा, जितना मैने सिर्फ सोचा है……

सज़ा-ए-मौत

कुछ लोग सिखाते है मुझे प्यार के क़ायदे कानून, नही जानते वो इस गुनाह में हम सज़ा-ए-मौत के मुज़रिम हैं…….

जौर तो ऐ

जौर तो ऐ ‘जोश’ आखिर जौर था, लुत्फ भी उनका सितम ढाता रहा।

किसी की कदर

सीख जाओ वक्त पर किसी की कदर करना… शायद सैल्फी इस बात का प्रमाण है के हम ज़िंदगी में इतने अकेले रह गए है कि हमारे आस पास हमारी फोटो खींचने वाले यार दोस्त भी नहीं बचे”

एक उसूल पर

एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें, जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही..

Exit mobile version