आप दरिया हैं

आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं…. आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये…

ऐरे गैरे लोग

ऐरे गैरे लोग भी पढ़ने लगे हैं इन दिनों… आपको औरत नहीं अखबार होना चाहिये…

रात होने से

रात होने से भी कहीं पहले….चाँद मेरा नजर तो आया है…

किस तमन्ना से

किस तमन्ना से तुझे चाहा था… किस मोहब्बत से हार मानी है…

तू मुझे छोड़ के

तू मुझे छोड़ के चली भी गयी…खैर किस्मत मेरी नसीब मेरे…

हाल ऐ दिल भी

हाल ऐ दिल भी न कह सके तुझसे…तू रही मुद्दतो करीब मेरे…

किस से पूछूँगा

किस से पूछूँगा खबर तेरी… कौन बतलायेगा निशान तेरा…

ये भी मुझे

ये भी मुझे नही मालूम… किस मोहल्ले में है मकान तेरा..

रहे दो दो फ़रिश्ते

रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इंसाफ़ क्या होगा किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा

कभी किसी से

कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!

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