कभी बेवजह भी कुछ ना कुछ खरीद लिया करो दोस्तों.. ये वो खुद्दार लोग है जो भिख नही मांगते
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हम इश्क के
हम इश्क के मारो का इतना सा फसाना है संग रोने को कोई नही हमपे हसने को जमाना है
जो मांगू वो दे दिया
जो मांगू वो दे दिया कर…ऐ ज़िन्दग़ी …!! तू बस…मेरी माँ की तरह बन जा…
जख्मों को अपने
जख्मों को अपने अब ढक कर चलता हूँ… आजकल लोगों के लहजों में ही नमक झलकता है…!!
मिट जाते है वो
मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है? रोते हैं जलाने वाले
हसरतें मचल गयी
हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए; सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए…..
कुछ पाने की
कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में वरना जीने का क्या फायदा…
क्यो नही मिलता
क्यो नही मिलता कोई शक्स अपने जैसा यूँ तो इस दुनिया में क़िरदार बहुत है…
अब तुमको भूल
अब तुमको भूल जाने की कोशिश करेंगे हम… … तुमसे भी हो सके तो ना आना, मेरे ख्यालों में !
तुम्हारा दीदार..और वो
तुम्हारा दीदार..और वो भी..आँखों में आँखें डालकर…. .हाय ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।