वो मंजर भी

वो मंजर भी मोहब्बत का बडा दिलकश गुजरा, किसी ने हाल पुछा और आँखें भर आई !!

धड़कनों की यही

धड़कनों की यही तो खास बात है , भरे बाज़ार में भी किसी एक को ही सुनाई देती है…

रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं

रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं, बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए |

खुदा से मिलती है

खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की, अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|

हुस्न और इश्क

हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!! जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….

सबको हँसता ही

सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं, किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।

मैं तो हर पल

मैं तो हर पल ख़ुशी देती हूँ तुम्हें, तुम ये गम लाते कहाँ से हो।।

जब मैं लिखूँगा

जब मैं लिखूँगा दास्ताने जिदंगी तो, सबसे अहम किरदार तुम्हारा ही होगा।

इश्क़ लाजवाब है

यकीनन इश्क़ लाजवाब है, पर तुम से थोडा कम है।।

चल हो गया

चल हो गया फ़ैसला कुछ कहना ही नहीं, तू जी ले मेरे बग़ैर मुझे जीना ही नहीं।।

Exit mobile version