मुंह खोल कर

मुंह खोल कर तो हंस देता हूँ मैं आज भी साहब, दिल खोल कर हंसे मुझे ज़माने गुज़र गए

ना ढूंढ मेरा किरदार

ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में… वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।

इंतज़ार की आरज़ू

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है, खामोशियो की आदत हो गयी है, न शिकवा रहा न शिकायत किसी से, अगर है… तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाइयों से हो गई है ।

मत तरसा किसी को

मत तरसा किसी को इतना,अपनी मोहब्बत के लिये.. क्या पता तेरी ही मोहब्बत पाने के लिए, जी रहा हो कोई….

हम भी मुस्कुराते थे

हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में…..

हम भी मोहब्बत करते हैं…

हम भी मोहब्बत करते हैं… पर बोलते नही क्योकि रिश्ते निभाते है….तौलते नही….

कभी बेपनाह बरसी

कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं… ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…

हो सके तो रहना…

हो सके तो रहना… तुम साथ मेरे हो बुरे या अच्छे… हालात मेरे

कौन कहता है

कौन कहता है हम दुनिंया से खाली हाथ जायेगे ,तेरा नाम रूह पे लिखवा कर आयेगे ॥

जोड़ियां आसमान से

जोड़ियां आसमान से बनकर आती है। मतलब काम तो ढंग से वहां भी नहीं होता ।।

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