तेरे बग़ैर इश्क़

तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है…..

बुरा मान गये!

गले से उन को लगाया तो बुरा मान गये! यूँ नाम ले के बुलाया तो बुरा मान गये! ये हक़ उसी ने दिया था कभी मुज को लेकिन; जो आज प्यार जताया तो बुरा मान गये! जो मुद्द्तों से मेरी नींद चुरा बैठे है; में उस के ख्वाब में आया तो बुरा मान गये! जब… Continue reading बुरा मान गये!

लौटा देता कोई

लौटा देता कोई एक दिन नाराज़ हो कर … काश बचपन भी मेरा कोई अवॉर्ड होता…

ऐ उम्र कुछ

ऐ उम्र कुछ कहा मैंने, शायद तूने सुना नहीं…. तू छीन सकती है बचपन मेरा , बचपना नहीं…

कहाँ छुपा के

कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफत ! जिधर भी देखता हूँ !! उधर बेईमान खड़े हैं !

अभी तो तड़प

अभी तो तड़प-तड़प के दिन के उजालों से निकला हू… . न जाने रात के अँधेरे और कितना रुलायेंगे.

जो सपने हमने

जो सपने हमने बोये थे नीम की ठंडी छाओ में, . कुछ पनघट पर छूट गए कुछ कागज की नाव में.

स्याही की भी

स्याही की भी मंज़िल का अंदाज़ देखिये : खुद-ब-खुद बिखरती है, तो दाग़ बनाती है, जब कोई बिखेरता है, तो अलफ़ाज़…बनाती है…!!

साफ़ दिल से

साफ़ दिल से मुलाक़ात की आदत डलों यारों क्यूँ की घुल हटती है तो अाईने भी चमक उठते है

ज़िन्दगी के हाथ

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते.. लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं

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