बचपन कि जिद

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र बढने के साथ… बचपन कि जिद समझोतों में बदल जाती है..!!

मिज़ाज को समझने के लिए

मेरे मिज़ाज को समझने के लिए, बस इतना ही काफी है, मैं उसका हरगिज़ नहीं होता….. जो हर एक का हो जाये।

समझ लेता हूँ

समझ लेता हूँ मीठे लफ्जों की कडवाहटें.. हो गया है अब जिंदगी का तजुर्बा थोडा बहुत..

तुम रुक ही जाओ

सुनो…तुम रुक ही जाओ ना मेरे पास, हमेशा के लिए; यूँ रोज़ आने-जाने में साहब, वक़्त बहुत लगता है !!

ये कहकर वापस कर दिया

दिल मेरा उसने ये कहकर वापस कर दिया… दुसरा दिजीए… ये तो टुटा हुआ है….!!

मेरी फितरत नही बदल सकते

हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।

कितनी झूठी होती है

कितनी झूठी होती है मोहब्बत की कस्मे, देखो तुम भी ज़िंदा हो और में भी…..!!

अजब तमाशा है

अजब तमाशा है मिट्टी से बने लोगो का , बेवफाई करो तो रोते हे अगर वफा करो तो रुलाते हे !

हमारे पागलपन से प्यार है

अगर हम सुधर गए तो उनका क्या होगा जिनको हमारे पागलपन से प्यार है|

मोहब्ब्त नही होती

ज़िस्म छूने से मोहब्ब्त नही होती, ये वो ज़ज़्बा है जिसे ईमान कहते हैं

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