आज उसने अपने हाथ से

आज उसने अपने हाथ से पिलायी है यारो,,, लगता है आज नशा भी नशे मे है…

इस तरह सुलगती

इस तरह सुलगती तमन्नाओं को बुझाया मैं ने, करके रोशन यार की महफ़िल अपना घर जलाया मैंने…

अपने दिल से

अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!

दिल में अब कुछ भी

दिल में अब कुछ भी नहीं उन की मोहब्बत के सिवा, सब फ़साने है हक़ीक़त में हक़ीक़त के सिवा ।।

सफ़र में धूप

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो…

रोते-रोते थक कर

रोते-रोते थक कर जैसे कोई बच्चा सो जाता है…. सुनो, हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है|

मंज़ूर नहीं किसी को

मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना, आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है…..

प्यार अपनों का

प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद , जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये…….

शायरो की महफ़िल

लगती थी शायरो की महफ़िल जहा सुना है वो जगह अब सुनसान होगयी

शीशे में डूब कर

शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को…. कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को……!!

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