शायरी मांगती है

हमसे पूंछो शायरी मांगती है कितना लहू, लोग समझते हैं कि धंधा बड़े आराम का है।

आते हैं दिन हर किसी के

आते हैं दिन हर किसी के बेहतर, जिंदगी के समंदर में हमेशा तूफान नही रहते।

बड़ा बाजार है

बड़ा बाजार है ये दुनियां, सौदा संभल के कीजिये, मतलब के लिफाफे में बेसुमार दिल मिलते है …….!!

इश्क है तो इश्क का

इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये…. आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये…

ऐरे गैरे लोग

ऐरे गैरे लोग भी पढ़ने लगे हैं इन दिनों… आपको औरत नहीं अखबार होना चाहिये…

जिंदगी कब तलक दर दर

जिंदगी कब तलक दर दर फिरायेगी हमें…. टूटा फूटा ही सही घर बार होना चाहिये…

ये हवा इश्क की

ये हवा इश्क की लगी जबसे…. प्यार करना मुझे भी आया है…

रात होने से

रात होने से भी कहीं पहले….चाँद मेरा नजर तो आया है…

जख्म कैसे दिखाऊं

जख्म कैसे दिखाऊं ये तुमको…. सबने मिल के मुझे सताया है…

दर्द दे तो गया है

दर्द दे तो गया है आशकी का….हर तरफ आंसुओं का साया है…

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