हम से खेलती रही

हम से खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह, जिसने जीता उसने भी फेका जिसने हारा उसने भी फेका..

हसरत है तेरी

हसरत है तेरी आँख का आंसू बन जाऊं .. पर तू रोए.. दिल को ये भी तो गंवारा नहीं|

मुकम्मल हो तलाश मेरी

मुकम्मल हो तलाश मेरी, तो कोई बात बने इश्क़ में, जमीं क्या और आसमान क्या|

जिक्र भी नहीं करेंगे…

मौहब्बत हैं तो फिक्र करते हैं… नहीं रहेगी तो..जिक्र भी नहीं करेंगे…

तेरे बाद हम

तेरे बाद हम जिसके होंगे उसका नाम मौत होगा|

तू ऐसा कर

तू ऐसा कर, अपना दर्द मुझे दे-दे…. फिर मैं जानु, दर्द जाने, दुआ जाने, खुदा जाने|

दिल तोड़ते हैं

दिल तोड़ते हैं जो दुनिया में किसी का ! कहते हैं क़बूल उनकी इबादतें भी नहीं होती…!

हमने ही सिखाया था

हमने ही सिखाया था उन्हें बाते करना, उनको आज हमारे लिये ही वक्त नहीं|

अपनी कीमत उतनी रखिए

अपनी कीमत उतनी रखिए….. जो अदा हो सके, अगर “अनमोल” हो गए तो तन्हा हो जाओगे. –

क्या बतायें हमारी निगाह

क्या बतायें हमारी निगाह में क्या हो तुम!! खुदा का डर है वरना कह दें,खुदा हो तुम!

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