मेरे मरने पर किसी को ज़यादा फर्क ना पड़ेगा.. बस एक तन्हाई रोएगी की मेरा हमसफ़र चला गया..
Tag: व्यंग्य शायरी
आँधियों जाओ अब करो
आँधियों जाओ अब करो आराम, हम खुद अपना दिया बुझा बैठे
सिर्फ पढने भर का
सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!
यूँ ही आँखें किसी की
यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं। दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।
दिल की बातें
दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत
शेर ओ रूमान
शेर ओ रूमान के वो ख़्वाब कहाँ हैं तेरे वो नुक़ूश-ए-गुल-ओ-महताब कहाँ हैं तेरे
ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा
ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा, उनसे रूठ जाती है मौत भी शायद ….
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें… किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|
किस्मत की लकीरों में
किस्मत की लकीरों में नहीं था नाम उसका शायद, जबकि उनसे मुलाकात तो हर रोज़ होती थी।
क्यूँ नहीं महसूस होती
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ, जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे।