वक़्त की गिरह में

वक़्त की गिरह में बाँध के रख छोड़ा है मैंने, वो हर लम्हा जो तुम बिन गुज़रता ही नही था…

दिल में कौन बसा है

दिल में कौन बसा है, ये राज सिर्फ धडकनें जानती है…!!

बड़ा आदमी वो कहलाता है

बड़ा आदमी वो कहलाता है, जिससे मिलने के बाद कोई ख़ुद को छोटा न महसूस करे..!!

आइना फैला रहा है

आइना फैला रहा है, ये खुदफरेबी का मर्ज़। हर किसी से कह रहा है, आप सा कोई नही।

रात भर भटका है

रात भर भटका है मन मोहब्बत के पुराने पते पे । चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं चला ।।

हर दफा बीच में

हर दफा बीच में आ जाता है… ये मज़हब कुछ रास्ते का पत्थर सा लगता है।

सिर्फ अपना ही

मोहब्बत तो सिर्फ शब्द है.. इसका अहसास तुम हो.. शब्द तो सिर्फ नुमाइश है.. जज्ब़ात तो मेरे तुम हो..

काश आंसुओ के

काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती … तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते…

अल्फ़ाज़ चुराने की

अल्फ़ाज़ चुराने की जरूरत ही न पड़ी कभी.., तेरे बेहिसाब ख्यालों ने, बेतहाशा लफ्ज़ दिये..,

वो अच्छे हैं

वो अच्छे हैं तो बेहत्तर, बुरे हैं तो भी कुबूल। मिजाज़-ए-इश्क में, ऐब-ए-हुनर नहीं देखे जाते|

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