एक जरा जायके में कडवा है, वरना सच का कोई जबाब नहीं.!!
Tag: वक्त शायरी
पूरी दुनिया से
पूरी दुनिया से जुदा सा है वो, हम जिसे चाहते हैं खुदा सा है वो ।
बग़ैर पूछे मेरे
बग़ैर पूछे मेरे सर में भर दिया मज़हब। मैं रोकता भी तो कैसे कि मैं तो बच्चा था॥
हाथ गर खाली हो
हाथ गर खाली हो, तो ये ध्यान रखना … घर जो लौटो, तो होठों पर मुस्कान रखना ..
एक अरसे से
एक अरसे से मुयासिर ही नहीं है वो लफ्ज़ , जिसे लोग करार कहते हैं …!!
सहम उठते हैं
सहम उठते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ़ से, महलों की आरज़ू ये है कि बरसात तेज हो|
सवाल ज़हर का नहीं
सवाल ज़हर का नहीं था वो तो हम पी गए तकलीफ लोगो को बहुत हुई की फिर भी हम कैसे जी गए
इक चेहरा पड़ा मिला
इक चेहरा पड़ा मिला मुझे, रास्ते पर, जरूर किरदार बदलते वक्त गिरा होगा
हम रोऐ भी ….
हम रोऐ भी …..तो वो जान ना सके…. और वो ….उदास भी हुऐ …..तो हमें खबर हो गई|
एक मुनासिब सा
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा.., रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा मेरा|