हदों से गुजर गया

सारा बदन अजीब से खुशबु से भर गया शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया..

क्या करा देती हैं

यादें भी क्या क्या करा देती हैं….. कोई शायर हो गया……, कोई खामोश !!!

नींद भी नीलाम हो

नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार -ए- इश्क में, किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता !

लत लग गयी है

लत लग गयी है मुझें तो, अब तुम्हारे साथ की.. पर गुनहगार किसको कहूँ, खुद को या तेरी अदाओं को।….

वो खुद ही ना

वो खुद ही ना छुपा शके अपने चेहरे को नकाब मेँ….., बेवजह हमारी आँखो पे इल्जाम लगा दिया….!!!

एक नींद है

एक नींद है जो रात भर नहीं आती और एक नसीब है जो न जाने कब से सो रहा..

क्या लिखू जिंदगी

क्या लिखू जिंदगी के बारे में..वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुवा करते थे

बात वक्त वक्त की

है बात वक्त वक्त की चलने की शर्त है साया कभी तो कद के बराबर भी आएगा

कोई ले रहा मजे

कोई ले रहा मजे बरिश मे भीग कर!! कोई रो रहा बरिश से बरबाद होकर” आखिर लिखूं तो क्या लिंखू

जब दर्द होता है

जब दर्द होता है …तुम बहुत याद आते हो जब तुम याद आते हो…बहुत दर्द होता है

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