यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम…. न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम…. जिसको जितना याद करते हैं;… उसे भी उतना याद आयें हम…..
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भाग्य रेखाओं में
भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हीं दीखते ! सांस के युद्ध में मन पराजित हुआ याद की अब कोई राजधानी नहीं प्रेम तो जन्म से ही प्रणयहीन है बात लेकिन कभी हमने मानी नहीं हर नये युग तुम्हारी प्रतीक्षा रही हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते ।… Continue reading भाग्य रेखाओं में
दुवाए दिल से मिली है
हमे दुवाए दिल से मिली है,.. कभी खरीदने को जेब में हाथ नही डाला|
घर से निकले हैं
घर से निकले हैं आँसुओं की तरह |
हम सब बड़े हो गए
ज़िन्दगी के ब्लैक बोर्ड पर अनगिनत पेँसिलोँ को घिसते और रबर के बुरादे को झाड़ते हुए…. कितने सपने सजाते और मिटाते हम सब बड़े हो गए….
ढूंढते ही रह जाएंगे…
जागने वाले तुझे ढूंढते ही रह जाएंगे… मैं तेरे सपने में आकर तुझे ले जाऊँगा
तस्वीर रह गई बाकी
सिर्फ …. तस्वीर रह गई बाकी जिसमें हम … एक साथ बैठे हैं …॥
तु ही जीने की वज़ह
तु ही जीने की वज़ह है तु ही मरने का सबब है तु अजब है , तु गज़ब है , तु ही तब था तु ही अब है……..
वादा है तुमसे
वादा है तुमसे । दिल बनकर तुम धड़कोगे और सांस बनकर हम आएँगे।।।
नया शहर तो है
ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने…. क्यों पुराना हुआ वीरान जरा देख तो लो…