ज़िन्दगी के ब्लैक बोर्ड पर अनगिनत पेँसिलोँ को
घिसते और रबर के बुरादे को झाड़ते हुए….
कितने सपने सजाते और मिटाते हम सब बड़े हो गए….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़िन्दगी के ब्लैक बोर्ड पर अनगिनत पेँसिलोँ को
घिसते और रबर के बुरादे को झाड़ते हुए….
कितने सपने सजाते और मिटाते हम सब बड़े हो गए….