आओ कभी यूँ

आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में .. लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!

दिल का क्या है

दिल का क्या है तेरी यादों के सहारे भी जी लेगा,हैरान तो आँखे है जो तङपती है तेरे दीदार को !

लोग रूप देखते हैं

लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं; लोग सपना देखते हैं, हम हकीकत देखते हैं; बस फर्क इतना है कि लोग दुनिया में दोस्त देखते हैं; हम दोस्तों में दुनिया देखते हैं।

आओ कभी यूँ

आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में .. लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!

कोशिश बहुत की

कोशिश बहुत की के राज़-ए-मौहब्बत बयाँ न हो !! पर मुमकिन कहां है के आग लगे और धुआँ न हो ।

मुस्कुराकर फैर ली

मुस्कुराकर फैर ली उसने नज़र, रस्मे उल्फ़त यूँ निभाई और बस।

हमे कहां मालूम था

हमे कहां मालूम था कि इश्क होता क्या है…? बस…. एक ‘तुम’ मिली और जिन्दगी…. मोहब्बत बन गई

आज एक दुश्मन ने

आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा.. यार इतना मत मुस्कुराया कर , बुहत जलन होती है ..!!

मेला लग जायेगा

मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में…जिस दिन में चला जाऊंगा आसमान में….!!

सुनो तुम चाहो तो

सुनो तुम चाहो तो अपने हाथों से संवार देना बाल बिखरा के भेजी है हमारी तस्वीर हमने|

Exit mobile version