चाहे कोई कुछ कहे

चाहे कोई कुछ कहे हर दिल में हम जगह बना लगे लाख सितम सह कर भी हर दिल में जगह बना लेंगे|

मशाल ए आतिश

मशाल ए आतिश है ये रोग ए मुहब्बत रोशन तो करती है मगर जला जला कर |

फलक पे लिख दो

फलक पे लिख दो नाम तुम ये तमन्ना है मेरी , पर! मुझ तक आने का वो रास्ता याद रखना !

बडे अजीब लोग

बडे अजीब लोग हमने देखे चलते-फिरते यहाँ खुद की जीत के लिए औरों को बदनाम करते सब यहाँ !!

खुदा जाने कौनसा

खुदा जाने कौनसा गुनाह कर बैठे है हम कि,,, तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे है|

अजीब हूं मैं

अजीब हूं मैं भी कि अपने आप को गंवाना चाहता हूँ … कि अपने आप से पीछा छुड़ाना चाहता हूँ … !!

सारे गमों को

सारे गमों को पैर से ठुकरा देते है हम उदास हो तो, बस मुस्कुरा देते है|

बात का ज़ख्म है

बात का ज़ख्म है तलवार के ज़ख़्मो के सिवा । कीजे क़त्ल मगर मुँह से कुछ इरशाद न हो ।।

इस कब्र में भी

इस कब्र में भी सुकूं की नींद नसीब नही हुई गालिब… रोज फरिश्ते आकर कहते है आज कौई नया शेर सुनाओ|

यकीन करो आज

यकीन करो आज इस कदर याद आ रहे हो तुम जिस कदर तुम ने भुला रखा है मुझे|

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