दोनों ही बातों से तेरी एतराज है मुझको.. क्यों तू जिंदगी में आई और क्यों चली गई..
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अपने बारे में
खुद अपने वजूद का ख्याल खो बैठोगें, अपने बारे में जीयादा ना सोचना दोस्तों……..!
मौसम फिर से
आज ये मौसम फिर से करवा रहा है मुझसे शायरी…..!! वरना इस दिल के जज़्बातों को दबे तो ज़माना हो गया…..!!
मोल नहीं लेता..
आज़ादी एक ख़तरा हैं, हर कोई मोल नहीं लेता..
जरूरत होती है तब
“मैं” पसन्द तो बहुत हूँ सबको, पर. जब उनको मेरी जरूरत होती है तब…
जितना दम है
कलम में जितना दम है जुदाई की बदौलत है ! वरना लोग मिलने के बाद लिखना छोड़ देते है ..!?
जिनकी बातों में
अपनापन छलके जिनकी बातों में, सिर्फ कुछ ही बंदे ऐसे होते हैं लाखों में!
आज मैं अकेला हूँ
आज मैं अकेला हूँ, तो क्या हुआ दोस्तो.. एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा..
बददुआ नहीं होती
उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती , बस इक माँ है जो मुझसे कभी खफा नहीं होती.
जिँदगी की राहो पर
जिँदगी की राहो पर कभी यूँ भी होता है….! इंसान खुद रो पड़ता है अकेले मै,… किसी को हौँसला देनै के बाद…!!