यादों का हिसाब रख रहा हूँ, सीने में अज़ाब रख रहा हूँ……!!
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तुम्हें ख्वाब में
तुम्हें ख्वाब में छूने की तमन्ना खून उगलती है, जब-जब मेरी ग़मगीन आँखों से नींद रूठ जाती है….!!
मेरे जज़्बात आँसुओं वाले
मेरे जज़्बात आँसुओं वाले,,,,, शेर सब हिचकियों से लिखता हूँ….!!
ज़रा देर बैठे थे
ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में, तेरी याद आँखें दुखाने लगी….!!
रोज़ थोड़ा थोड़ा
रोज़ थोड़ा थोड़ा मर रहा हूँ मैं… पर प्यार तुझसे ही कर रहा हूँ मैं
आज नही तो कल
आज नही तो कल ये एहसास हो ही जायेगा…. कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर करने वाले|
पैसों के लिये
पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे है।
मकसद पहचान लेते है
शहद जुबा के मकसद पहचान लेते है , गैरजरूरी तवज्जो की वजह जान लेते है । हमे मासूम , बेखबर , नादां समझते है वो , और हम रिश्तों को “बंदगी”
तुमसे इंसानियत का रिश्ता
तुमसे इंसानियत का रिश्ता , सरकारी गवाहों का मोहताज़ नही मोहब्बत मुल्क की मिट्टी में बसी , सियासत पूरे आवाम की आवाज़ नही ।।
चलो कुछ बात करते हैं
चलो कुछ बात करते हैं, बिन बोले बिन सुने एक तन्हा मुलाक़ात करते हैं|