तुमसे इंसानियत का रिश्ता

तुमसे इंसानियत का रिश्ता ,
सरकारी गवाहों का मोहताज़ नही
मोहब्बत मुल्क की मिट्टी में बसी ,
सियासत पूरे आवाम की आवाज़ नही ।।

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