लोग आते हैं

लोग आते हैं मेरे घर की दरारें देखने, मुझ से मिलने के अक्सर बहाने कर के…!!

यूँ ना खींच मुझे

यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के, ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले .!

जब भी हक़ जता कर

जब भी हक़ जता कर देखा, मुझे हदें बता दीं गईं मेरी !!!

अगर दिल टूटे तो

अगर दिल टूटे तो मेरे पास चले आना ! मुझे बिखरे हुये लोगो से मोहब्बत बहुत है ….

सब का दिल

मैं जो सब का दिल रखती हूँ, सुनो मैं भी एक दिल रखती हूँ…

तुमसे मोहब्बत की

तुमसे मोहब्बत की होती तो शायद तुम्हें भुला भी देते, इबादत की है, मरते दम तक सजदे करेंगे..

अजीब तरह से

अजीब तरह से गुजर रही है जिंदगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ और मिला कुछ !!

कैसी लगती हूँ मैं

उसने पुछा कैसी लगती हूँ मैं . .मैने कहा तुम ना सीधे दिल पर लगते हो..

लगाकर आग दिल में

लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ…. अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |

उनका इल्ज़ाम लगाने का

उनका इल्ज़ाम लगाने का अंदाज ही कुछ गज़ब का था, हमने खुद अपने ही ख़िलाफ गवाही दे दी|

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