हम को वहम है

उड़ रही है पल – पल ज़िन्दगी रेत सी..!और हम को वहम है कि हम बडे हो रहे हे..!!

अफवाह उड़ाई थी

मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी, दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था…!!!

खामोशी अलामत है

मेरी खामोशी अलामत है मेरे इखलाख की इसे बेजूबानी ना समझो  

शामिल नहीं हैं

अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब, नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे….!!!!

लड़ता आया हूँ

बस यही सोच कर हर मुश्किलो से लड़ता आया हूँ.. धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते..!!!

मुश्किलें तमाम है

जिन्दगी में मुश्किलें तमाम है, फिर भी इन होठों पे मुस्कान है, जीना जब हर हाल में है तो, फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है !!

खास हूनर रखते है

वो भी अपने होठो पे इक खास हूनर रखते है, दिल तोड के कह देते है कि आखिर हुआ क्या है…!!

बसेरा है तेरे शहर मेँ

अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ, गुरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते…

दिन क़रीब है

कह दो गमो से कहीं और बसेरा करे अब..!! मेरे आक़ा की विलादत का दिन क़रीब है..!!

लोग मोहब्बत कहते हैं…

मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…। ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…

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