तुमने कभी समझा ही नहीं

तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा।।

‬तुझको खबर नहीं

तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले, बर्बाद कर दिया तेरे कुछ दिनों के प्यार ने।।

तेरा साथ छूटा है

तेरा साथ छूटा है सम्भलने में वक्त तो लगेगा, हर चीज़ इश्क़ तो नहीं की इक पल में हो जाए।।

मेरी मोहब्बत में

मेरी मोहब्बत में न थी वो आग जो तुझे जला सके, और तेरी मोहब्बत में मैं इतना जला की लोग मेरी राख भी ना उठा सके।।

चल तुझे दिखा दू

चल तुझे दिखा दू अपने दिल की वीरान गलिया, शायद तुझे तरस आ जाए मेरी उदास जिंदगी पर।।

मैं तुझसे अब

मैं तुझसे अब कुछ नहीं मांगता ऐ ख़ुदा, तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंज़ूर नहीं।।

इश्क़ का कैदी

इश्क़ का कैदी बनने का अलग ही मज़ा है, छुटने को दिल नहीं करता और उलझने में मज़ा आता है।।

कितना खुशनुमा होगा

कितना खुशनुमा होगा वो मेरी मौत का मंजर भी, जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आंसू बहायेंगे !!

होती है मुझ पर

होती है मुझ पर रोज़ तेरी रहमतों के रंगों की बारिश… मैं कैसे कह दूँ…? होली साल में एक बार आती है…?

दिल की ख़ामोशी पर

दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ साहेब, राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है !!

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